तुम सैंय्या गुलाब के फूल
हुयी क्या हमसे भूल
तुम सैंय्या गुलाब के फूल हुयी क्या हमसे भूल
जो हमको छोड़ चले क्यूँ नाता तोड़ चले
तुम सैंय्या गुलाब के फूल हुयी क्या हमसे भूल
जो हमको छोड़ चले क्यूँ नाता तोड़ चले
हो सैंय्या
मन में करो न पीया इतना विचार
मीठी मीठी लागे प्यार में तकरार
मन में करो न पीया इतना विचार
मीठी मीठी लागे प्यार में तकरार
तुम रूठो पीया रूठो चाहे रूठो हज़ारों बार
मनाऊँ दिलदार क्यूँ नज़रें मोड़ चले
क्यूँ नाता तोड़ चले तुम सैंय्या गुलाब के फूल
हुयी क्या हमसे भूल जो हमको छोड़ चले
क्यूँ नाता तोड़ चले
होय सैंय्या
आज नहीं माने तो
आज नहीं माने तो मैं ज़रा न डरूँगी
ज़हर पियूँगी कड़ी कड़ी ही मरूँगी
आज नहीं माने तो मैं ज़रा न डरूँगी
ज़हर पियूँगी कड़ी कड़ी ही मरूँगी
तुमने हमसे पिया हमसे काहे हमसे मिलाये नैन
चुराया मेरा चैन करेजवा निचोड चले
क्यूँ नाता तोड़ चले तुम सैंय्या गुलाब के फूल
हुयी क्या हमसे भूल जो हमको छोड़ चले
नाता तोड़ चले
होय सैंय्या
तुम को मनाये कड़ी नार ये हारि
मानो मानो पीया तुम जीते मैं हरी
माफ़ कर दो माफ़ कर दो
माफ़ कर दो हमारी भूल चरण की हूँ धुल
जो संग संग दौड़ चली क्यूँ नाता तोड़ चले
तुम सैंय्या गुलाब के फूल हुयी क्या हमसे भूल
जो हमको छोड़ चले क्यूँ नाता तोड़ चले
होय सैंय्या
तुम सैंय्या गुलाब के फूल
हुयी क्या हमसे भूल
जो हमको छोड़ चले
क्यूँ नाता तोड़ चले
तुम सैंय्या गुलाब के फूल
हुयी क्या हमसे भूल
जो हमको छोड़ चले
क्यूँ नाता तोड़ चले