तुम याद आ रहे
तुम याद आ रहे
कौन मेरे गीत के पहले
तुम याद आ रहे
कौन मेरे गीत के
कौन मेरे गीत के पहले
जो तुम याद आ रहे
कौन हो तुम जो मेरे मन के गगन पर छा रहे
दूर से करते इशारे पास क्यों न आ रहे
दूर से करते इशारे पास क्यों न आ रहे
कौन हो तुम जो पुराणी बात फिर दोहरा रहे
कौन हो तुम जो पुराणी बात फिर दोहरा रहे
कौन मेरे गीत के पहले जो तुम याद आ रहे
भूल जाना चाहती हु
भूल न पाती तुझे
तुम नहीं आते तुम्हारी
याद क्यों आती मुझे
कौन हो तुम जो खयालो को मेरे बहला रहे
कौन मेरे गीत के पहले जो तुम याद आ रहे
मैंने समझा था वो बचपन का ज़रा ये खेल था
किसने जाना खेल में दो ज़िन्दगी का मेल था
किसने जाना खेल में दो ज़िन्दगी का मेल था
मेल की माला के वो दो फूल अब मुरझा रहे
मेल की माला के वो दो फूल अब मुरझा रहे
कौन मेरे गीत के पहले जो तुम याद आ रहे
कौन मेरे गीत के
कौन मेरे गीत के पहले जो तुम याद आ रहे
कौन मेरे गीत के पहले जो तुम याद आ रहे