तेरी ज़ुल्फ़ जब भी बिखर जाती है
ए हसीं तू हसीं और हो जाती है
जो किताबों में पढ़ते रहे आज तक
वो परी हमको तुझमे नज़र आती है
तेरी ही बाँहों में, पनाहों में
रहना मुझे हर दम सदा
तेरी ही यादों में निगाहों में
रहना मुझे हर दम सदा आ आ
चाहे कुछ ना केहना
भले चुप तू रहना
मुझे है पता
तेरे प्यार का
खामोश चेहरा
आँखों पे पेहरा
खुद है गवाह
तेरे प्यार का
तेरी झुकी नज़र तेरी हर अदा
मुझे केह रही है ये दास्तान
कोई शक़्स है जो की इन दिनों
तेरे ज़ेहनो दिल पे है छा गया आ