तू है नाजूक कली नाजो से है पली
आँखों में थी हया होठों पे थी हंसी
अपने बाबुल के घर गम से थी बेखबर
सबकी प्यारी थी तू राजदुलारी थी तू
चली फूलो पे तू झूली झूलों पे तू
गुनगुनाती थी तू मुस्कुराती थी तू
बुलबुलों की तरह चहचहाती थी तू
चहचहाती थी तू चहचहाती थी तू
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ
मैं क्या थी ओ ओ
मैं क्या थी मैं क्या से ये क्या हो गयी
मैं क्या थी मैं क्या से ये क्या हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
में खुद के लिए इक सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
मैंने चाहा था एक छोटा सा घर (हम्म हम्म)
जिसमे साजन संग रहूँ सारी उमर (हम्म हम्म)
रात दिन प्यार की बातें करती रहूँ (हम्म हम्म)
मांग सिंदूर से रोज भरती रहूँ (हम्म हम्म)
आ आ आ आ आ
जब मैं रूठू कभी तो मनाए सजन
मुझको अपने गले से लगाए सजन
शीशे के खाब थे बिखरे है टूट के
मेरी किस्मत कही खो गयी रूठ के
मेरी किस्मत कही खो गयी रूठ के
खो गयी रूठ के खो गयी रूठ के
ना जाने ओ ओ
ना जाने क्या मुझसे खता हो गयी
ना जाने क्या मुझसे खता हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
मुझपे कितने हुए क्या बताऊं सितम (हम्म हम्म)
अगर लिखेगा कोई रो देगा कलम (हम्म हम्म)
इस महफिल में है वो लुटेरे सभी (हम्म हम्म)
डंस गए जो मेरी भोली सी जिंदगी (हम्म हम्म)
मेरी फरियाद पे मुस्कुराते है ये
नाचने के लिए जुर्म ढाते है ये
मेरी तरहा से कोई सुहागन ना हो
कोई दुल्हन जहाँ में अभागन ना हो
कोई दुल्हन जहाँ में अभागन ना हो
अभागन ना हो अभागन ना हो
मैं बनके..हो ओओ
मैं बनके दुल्हन बेहया हो गयी
मैं बनके दुल्हन बेहया हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
मैं क्या थी में क्या से क्या हो गयी
मैं क्या थी में क्या से क्या हो गयी
मैं खुद के लिए इक सजा हो गयी
में खुद के लिए इक सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
सजा हो गयी सजा हो गयी
आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ)