दरस दीवाना बावला
अल मस्त फकीरा एक अकेला ही रहा
अस मस्त धीरा
ओ राही ओ राही
तू रोशनी का सिपाही
ओ राही ओ राही ओ राही
तू रोशनी का सिपाही ओ राही
तू जो चलेगा तो राह बनेगी
ख्वाबों से तेरे ये दुनिया सजेगी
ओ राही ओ राही ओ राही
तू रोशनी का सिपाही (ओ राही)
ओ राही ओ राही ओ राही
चल रहे राही चल चल रहे राही चल
चल चल चल चल
चल रहे राही चल चल रहे राही चल
चल रहे राही चल चल रहे राही चल
चल चल राही राही चल राही राही
चल उठ बुदबक जाग ज़रा चल अपना रस्ता बना
मुस्कुरा के तू ज़िंदगी का जश्न मना
बदलेगा खुदको तो ही बदलेगा ये जहाँ
अब तुझ से सुरू होगी आगे की दास्तान
चिंगारी होगी तो आग जगेगी
चिंगारी होगी तो आग जगेगी
चल राही राही चल राही राही चल राही राही
ओ राही ओ राही राही
तू रोशनी का सिपाही
तू रोशनी का सिपाही
ओ मंज़िल तो हैं बस मंसूबे की हद
ख्वाहिशें बेशुमार अरमान बेहद
मंज़िल तो हैं बस मंसूबे की हद (चल रहे राही चल)
कौन जाने क्या होगा कब बस तू ही
बस तू ही जाने क्या करेगा अब
करनी से तेरी कहानी चलेगी
करनी से तेरी कहानी चलेगी
ओ राही ओ राही ओ राही
तू रोशनी का सिपाही ओ राही
ओ राही ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही (ओ राही)
ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही (ओ राही)
तू जो चलेगा तो राह बनेगी राह बनेगी (ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही) (चलेगा तो राह बनेगी राह बनेगी)
ख्वाबों से तेरे ये दुनिया सजेगी (ओ राही राही ओ राही राही) (तेरे ये दुनिया सजेगी)
ओ राही राही ओ राही (ओ राही ओ राही ओ राही ओ राही)