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Bhupinder Singh - Nazm Uljhi Hui Seene Mei Lyrics

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Bhupinder Singh - Nazm Uljhi Hui Seene Mei Lyrics
Official




नज़्म उलझी हुई है सीने में
नज़्म उलझी हुई है सीने में
मिसरे अटके हुए हैं होठों पर
उड़ते फिरते हैं तितलीओ की तरह
लफ्ज़ काग़ज़ पे बैठते ही नही
नज़्म उलझी हुई है सीने में
कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
हो कब से बैठा
हा आ आ आ आ आ आ आ
हो कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सदा काग़ज़ पे लिख के नाम तेरा
हो कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सदा काग़ज़ पे लिख के नाम तेरा
बस तेरा नाम तेरा नाम
बस तेरा नाम ही मुकम्मिल हैं
इस से बेहतर भी नज़्म क्या होगी
इस से बेहतर भी नज़्म क्या होगी
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नज़्म उलझी हुई है सीने में
नज़्म उलझी हुई है सीने में
मिसरे अटके हुए हैं होठों पर
उड़ते फिरते हैं तितलीओ की तरह
लफ्ज़ काग़ज़ पे बैठते ही नही
नज़्म उलझी हुई है सीने में
कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
हो कब से बैठा
हा आ आ आ आ आ आ आ
हो कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सदा काग़ज़ पे लिख के नाम तेरा
हो कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सदा काग़ज़ पे लिख के नाम तेरा
बस तेरा नाम तेरा नाम
बस तेरा नाम ही मुकम्मिल हैं
इस से बेहतर भी नज़्म क्या होगी
इस से बेहतर भी नज़्म क्या होगी
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Writer: Bhupinder, Gulzar
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group
LyricFind




Bhupinder Singh - Nazm Uljhi Hui Seene Mei Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Bhupinder Singh
Length: 5:06
Written by: Bhupinder, Gulzar

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