ज़हर देता है मुझे कोई दवा देता है
ज़हर देता है मुझे कोई दवा देता है
जो भी मिलता मिलता है
जो भी मिलता है मेरे गम को बढ़ा देता है
ज़हर देता है मुझे कोई
किसी हमदम का सर-ए-शाम जुदा हो जाना
किसी हमदम का सर-ए-शाम जुदा हो जाना
नींद चलती हुई आँखों से उड़ा देता है
ज़हर देता है मुझे कोई
वक़्त ही दर्द के काँटों पे सुलाए दिल को
वक़्त ही दर्द के काँटों पे सुलाए दिल को
वक्त ही दर्द का एहसास मिटा देता है
ज़हर देता है मुझे कोई दवा देता है
जो भी मिलता है मेरे गम को बढ़ा देता है
ज़हर देता है मुझे कोई