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Chintoo Singh - Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho Lyrics



Chintoo Singh - Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho Lyrics
Official




हम्म हम्म हम्म हम्म

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु

आँखों में नामी हँसी लबों पर

रु रु रु रु

आँखों में नमी हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
यह अश्क जो पीते जा रहे हो
यह अश्क जो पीते जा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो

रु रु रु रु

रेखाओं से मात खा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
[ Correct these Lyrics ]

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हम्म हम्म हम्म हम्म

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु

आँखों में नामी हँसी लबों पर

रु रु रु रु

आँखों में नमी हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
बन जाएँगे ज़हर पीते पीते
यह अश्क जो पीते जा रहे हो
यह अश्क जो पीते जा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
तुम क्यों उन्हे छेड़े जा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रु रु रु रु रु रु रु रु

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो

रु रु रु रु

रेखाओं से मात खा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Azmi Kaifi, Jagjit Singh
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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