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Chitra Singh - Kab Se Hoon Kya Bataoon Lyrics



Chitra Singh - Kab Se Hoon Kya Bataoon Lyrics
Official




कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
शब-हा-ए-हिज्र को भी रखूँ गर हिसाब में

काफिर ना इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
काफिर ना इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
आने का अहद कर गये, आए जो ख़्वाब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में

क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ, ऊ ऊ ऊ ऊ
क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
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कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
शब-हा-ए-हिज्र को भी रखूँ गर हिसाब में

काफिर ना इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
काफिर ना इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
आने का अहद कर गये, आए जो ख़्वाब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में

क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ, ऊ ऊ ऊ ऊ
क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में
कब से हूँ, क्या बताऊँ, जहान-ए-ख़राब में
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Writer: Ghalib Mirza (Traditional), Jagjit Singh
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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