हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल, पिया
जो तेरे ना हुए तो किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल, पिया
हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी
मिली है, एक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यूँ चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया
पिया, पिया
पिया रे, पिया रे, पिया रे
पिया रे, पिया रे
दुनिया की नज़रों में ये रोग है
हो जिनको वो जानें ये जोग है
एक तरफ़ा शायद हो दिल का भरम
दो तरफ़ा है तो ये संजोग है
लाई रे हमें ज़िंदगानी की कहानी कैसे मोड़ पे
हुए रे खुद से पराए हम किसी से नैना जोड़ के
हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी
मिली है, एक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यूँ चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया