आ आ आ आ आ आ आ (हा हा हा हा)
ओ ओ ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ हो हो )
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
कौन है वो, अपनों में कभी, ऐसा कहीं होता है
ये तो बड़ा धोखा है
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी ( मेरा साथीव्)
यहीं पे कहीं है, मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बइयाँ दूँ मरोड़
यहीं पे कहीं है, मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बइयाँ दूँ मरोड़
जाने दो, जैसे तुम प्यारे हो,
वो भी मुझे प्यारा है, जीने का सहारा है
देखो जी तुम्हारी यही बतियाँ मुझको हैं तड़पातीं
लूटे कोई मन का नगर
हो हो हो
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी (लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी)