महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनियाँ कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनियाँ कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे
तू हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
तू हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखें है शोला शबनम की
यहीं मरना भी है मुझको मुझे जीना भी यहीं है
महबूब मेरे महबूब मेरे
महबूब मेरे महबूब मेरे
तू है तो दुनियाँ कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है महबूब मेरे
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के
नज़दीक़ आ जा फिर देखूँ तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों कोई भी तुझसे नहीं है
महबूब मेरे हो महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे (महबूब मेरे, महबूब मेरे)
तू है तो दुनियाँ कितनी हसीं है (तू है तो दुनियाँ कितनी हसीं है)
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है (जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है)
महबूब मेरे (महबूब मेरे)