पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
ख्वाहिश है इतनी सी यार (आ आ)
देर तक रुकना अबकी बार (आ आ)
प्यार के लम्हे हों हज़ार (आ आ)
उन्ही में सदियाँ जी लूँगा मैं (आ आ)
ओह, पल कैसा पल (आ आ)
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मटमैले पानियों में
अक्स तेरा दिखता है (आ आ)
बारिश की बूंदा बूंदी में (आ आ)
पन्ने धुंधले लिखता है (आ आ)
जो होना हो जाने दो
तारों को सो जाने दो
साँसों को खो जाने दो ना आ
अब तेरे बिन मेरा
ज़िक्र ही गुम जाएगा (आ आ)
इस पल को कस के थाम लूँ (आ आ)
हथेली से फिर निकल जाए ना (आ आ)
ओह, पल कैसा पल (आ आ)
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना (आ आ)
समझ पाऊं ना (आ आ)
समझ पाऊं ना (आ आ)
समझ पाऊं ना हम्म्म हम्म्म (आ आ)