आओगे न साजन आओगे ना
आओगे न साजन आओगे ना
किस्मत को मेरी जगाओगे ना
किस्मत को मेरी जगाओगे ना
आओगे ना आओगे ना साजन आओगे ना
तुम क्या गए मेरी दुनिया गयी
मर मर के जीने की ऋतु आ गयी
बिरहँ को दुःख से छुड़ाओगे ना
बिरहँ को दुःख से छुड़ाओगे ना
आओगे ना आओगे ना साजन आओगे ना
किस्मत भी है हमसे बिगड़ी हुई
जीवन की नगरी है उझडी हुई
किस्मत भी है हमसे बिगड़ी हुई
जीवन की नगरी है उझडी हुई
तुम किसको आके बताओगे ना
तुम किसको आके बताओगे ना
आओगे ना आओगे ना साजन आओगे ना
पहलु में इक दिल है टुटा हुआ
हाथो से दामन है छूटा हुआ
निर्धन की बिगड़ी बनाओगे ना
निर्धन की बिगड़ी बनाओगे ना
आओगे ना आओगे ना साजन आओगे ना