है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया
है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया
जैसे मंज़िल पर कोई
आके मुसाफिर खो गया
है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया
मैं हूँ इक पंछी अकेला
इस गगन की छांव में
मैं हूँ इक पंछी अकेला
इस गगन की छांव में
उड़ते उड़ते आ गया हु
बादलो के गाओं में
अपने ही सपनों की धुन में
चलते चलते खो गया
है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया
सुन भी लो गम की सदायें
दर्द का पैगाम लो
सुन भी लो गम की सदायें
दर्द का पैगाम लो
डगमगाते जा रहे है
आके हमको थाम लो
फिर न कहना ज़िन्दगी का
आसरा गुम हो गया
है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया
जैसे मंज़िल पर कोई
आके मुसाफिर खो गया
है यह दुनिया कौन सी
ऐ दिल मुझे क्या हो गया