मेरा दिल जो मेरा होता
पलकों पे पकड़ लेती
होंठों पे उठा लेती
हाथों मे खुदा होता
मेरा दिल ला ला ला हा हा हा
सूरज को मसल के मैं
चन्दन के तरह मलती
सोने का बदन ले कर
कुन्दन की तरह जलती
इस गोरे से चेहरे पर
आइना फ़िदा होता
मेरा दिल ला ला ला हा हा हा
बरसा है कहीं पर तो
आकाश समुन्दर में
इक बूँद है चन्दा की
उतरे न समुन्दर में
दो हाथों के ओख में ये
गिर पड़ता तो क्या होता
हाथों में खुदा होता
मेरा दिल जो मेरा होता
पलकों पे पकड़ लेती
ला ला ला हाथों में खुदा होता
मेरा दिल ला ला ला हा हा हा