मेरी जान मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान मेरी जान
मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान मेरी जान
जान ना कहो अंजान मुझे जान कहा रहती है सदा
जान ना कहो अंजान मुझे जान कहा रहती है सदा
अंजाने क्या जाने जान के जाए कौन भला
मेरी जान मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान मेरी जान
सूखे सावन बरस गये कितनी बार इन हाथो से
सूखे सावन बरस गाए कितनी बार इन हाथो से
दो बूंदे ना बरसे इन भीगी पलको से
मेरी जान मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान मेरी जान
होठ झुके जब होठ पर हा उलझी है सांसो मे
होठ झुके जब होठ पर हा उलझी है सांसो मे
दो जुड़वा होठ की बात कहो आँखो से
मेरी जान मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान मेरी जान
मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान