कोई अटका हुआ हैं पल शायद
कोई अटका हुआ हैं पल शायद
वक़्त में पड़ गया हैं बल शायद
वक़्त में पड़ गया हैं बल शायद
कोई अटका हुआ हैं पल शायद
शायद शायद
आ रही हैं जो चाप क़दमों की
आ रही हैं जो चाप क़दमों की
आ रही हैं जो चाप क़दमों की
खिल रहें हैं कहीं कवल शायद
खिल रहें हैं कहीं कवल शायद
वक़्त में पड़ गया हैं बल शायद
कोई अटका हुआ हैं पल शायद
शायद शायद
दिल अगर हैं तो दर्द भी होगा
दिल अगर हैं तो दर्द भी होगा
दिल अगर हैं तो दर्द भी होगा
इसका कोई नहीं है हल शायद
इसका कोई नहीं है हल शायद
वक़्त में पड़ गया हैं बल शायद
कोई अटका हुआ हैं पल शायद
शायद शायद
राख को भी खुरेद कर देखो
राख को भी खुरेद कर देखो
राख को भी खुरेद कर देखो
अभी जलता हो कोई पल शायद
अभी जलता हो कोई पल शायद
वक़्त में पड़ गया हैं बल शायद
कोई अटका हुआ हैं पल शायद
शायद शायद