क्यू खुद से इन्सा भी डरता ही फिरता है
क्यू जीते जी पल पल रोजाना ही मरता है
कैसी है तेरी माया
मन मे तेरे क्या आया, बता
मन है भीगा आँखे गीली
बरसना बाकी है
जली हुई है ज़िंदगी
राख अभी बाकी है
थमी साँसे है
भूखी बेबसी बाकी है
थमी साँसे है
भूखी बेबसी बाकी है