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Subah Ke Dhoop Si Video (MV)




Performed By: Hariharan
Featuring: Shreya Ghoshal
Length: 5:56
Written by: NIDA FAZLI, LALIT SEN




Hariharan - Subah Ke Dhoop Si Lyrics
Official




[ Featuring Shreya Ghoshal ]

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी साँसों में थी
जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
हाँ इंतजार

धूप में छाँव सी शहर में गाँव सी मेरी राहों में थी
जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईयाँ
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
हाँ इंतजार

हो.. जब तुम गम थी
तब भी तुम थी
जितना मै था उतनी तुम थी

हो.... दूर थे जब तुम पास थे ऐसे
नींद से झांके सपना जैसे
कोई जाना अपना जैसे हहह

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया
देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार है इंतजार

पंछी जगे मंजर डोले
घर के छुप छुप हाँ कोने बोले

लेकर तुमसे रूप सुनहरा
धुला अँधेरा सजा सवेरा
हर दर्पण में हो एक ही चेहरा

धूप में छाँव सी शहर में गाव सी
मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया
देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं

सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार

था तुम्हारा ही मुझे
इंतजार है इंतजार

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी साँसों में थीजिसकी परछाईया
सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी साँसों में थी जिसकी परछाईया
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सुबह की धूप सी शाम के रूप सी मेरी साँसों में थी
जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
हाँ इंतजार

धूप में छाँव सी शहर में गाँव सी मेरी राहों में थी
जिसकी परछाईया देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईयाँ
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
हाँ इंतजार

हो.. जब तुम गम थी
तब भी तुम थी
जितना मै था उतनी तुम थी

हो.... दूर थे जब तुम पास थे ऐसे
नींद से झांके सपना जैसे
कोई जाना अपना जैसे हहह

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया
देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं
सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार है इंतजार

पंछी जगे मंजर डोले
घर के छुप छुप हाँ कोने बोले

लेकर तुमसे रूप सुनहरा
धुला अँधेरा सजा सवेरा
हर दर्पण में हो एक ही चेहरा

धूप में छाँव सी शहर में गाव सी
मेरी राहों में थी जिसकी परछाईया
देख कर तुमको लगता है तुम हो वहीं

सोचती थी जिसे मेरी तन्हाईया
था तुम्हारा ही मुझे इंतजार

था तुम्हारा ही मुझे
इंतजार है इंतजार

सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी साँसों में थीजिसकी परछाईया
सुबह की धूप सी शाम के रूप सी
मेरी साँसों में थी जिसकी परछाईया
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Writer: NIDA FAZLI, LALIT SEN
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group

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