हम्म हम्म हम्म
मगर लगता है कुछ ऐसा
हम्म हम्म हम्म
मिल गया
ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
वो होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ
ये मौसम ये रात चुप है
वो होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ हाय
नजर बन गयी है दिल की जबां
ना तुम हमे जानो (आ आ)
ना हम तुम्हे जाने (आ आ)
मगर लगता है कुछ ऐसा (आ आ)
मेरा हमदम मिल गया (आ आ)
मोहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवाँ
मोहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवाँ
चले आज दोनों जाने कहा
ना तुम हमे जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया