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Hero - Zindagi Is Tarah [Super Jhankar Beats 1] Lyrics

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Hero - Zindagi Is Tarah [Super Jhankar Beats 1] Lyrics
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ज़िन्दगी इस तरह से लगने लगी
रंग उड़ जाए जो दीवारों से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
ज़ख्म दिखने लगी दरारों से

अब तलक सिर्फ तुझको देखा था
आज तु क्या हैं भी जान लिया
आज जब गौर से तुझे देखा
हम गलत थे कही ये मान लिया
हम गलत थे कही ये मान लिया
तेरी हर भूल में कही शायद
हम भी शामिल हैं गुनाह गारो से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
जखम दिखने लगे दरारों से

आ मेरे साथ मिलके हम फिर से
अपने ख्वाबो का घर बनाते हैं
जो भी बिखरा है वो समेटते हैं
ढूंढ कर फिर ख़ुशी को लाते हैं
ढूंढ कर फिर ख़ुशी को लाते हैं
बोझ तो जिन्दगी का कटता हैं
एक दूजे के ही सहारो से
जिन्दगी इस तरह से लगने लगी
रंग उड़ जाये जो दीवारों से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
जखम दिखने लगे दरारों से
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ज़िन्दगी इस तरह से लगने लगी
रंग उड़ जाए जो दीवारों से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
ज़ख्म दिखने लगी दरारों से

अब तलक सिर्फ तुझको देखा था
आज तु क्या हैं भी जान लिया
आज जब गौर से तुझे देखा
हम गलत थे कही ये मान लिया
हम गलत थे कही ये मान लिया
तेरी हर भूल में कही शायद
हम भी शामिल हैं गुनाह गारो से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
जखम दिखने लगे दरारों से

आ मेरे साथ मिलके हम फिर से
अपने ख्वाबो का घर बनाते हैं
जो भी बिखरा है वो समेटते हैं
ढूंढ कर फिर ख़ुशी को लाते हैं
ढूंढ कर फिर ख़ुशी को लाते हैं
बोझ तो जिन्दगी का कटता हैं
एक दूजे के ही सहारो से
जिन्दगी इस तरह से लगने लगी
रंग उड़ जाये जो दीवारों से
अब छुपाने को अपना कुछ ना रहा
जखम दिखने लगे दरारों से
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANU MALIK
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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