अभी ना पर्दा गिराओ ठहरो
के दास्ता आगे और भी है
अभी ना पर्दा गिराओ ठहरो
अभी तो टूटी है कच्ची मिट्टी
अभी तो बस जिस्म ही गिरे हैं
अभी तो किलगा रही तुझे
ठहरो ठहरो ठहरो
अभी ना पर्दा गिराओ ठहरो
के दास्ता आगे और भी है
अभी ना पर्दा गिराओ ठहरो
अभी तो सुलगते है रूह के गम
प म प म ग म
आ हा आ क्या आग चढ़ी मधम है
क्या सुलगने का आभाव आया है
प म प म ग म
साथी सुलगते है रूह के गम
अभी धकडक है दरदे दिल के
नी रे नी रे
वाह वाह क्या सुलगने का भाव लाया है
वाह वाह क्या बात है
अभी सुलगते है रूह के गम
अभी धकडक है दरदे दिल के
अभी तो एहसास जी रहा है
अभी तो एहसास जी रहा है
ठहरो ठहरो