Back to Top

Jagjit Singh - Aye Khuda Ret Ke Sehra Ko Samandar Karde Lyrics

theme

Jagjit Singh - Aye Khuda Ret Ke Sehra Ko Samandar Karde Lyrics
Official




ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे

तुझ को देखा नही महसूस किया है मैंने
तुझ को देखा नही महसूस किया है मैंने
आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे

और कुछ भी मुझे दरकार नही है लेकिन
और कुछ भी मुझे दरकार नही है लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे

तुझ को देखा नही महसूस किया है मैंने
तुझ को देखा नही महसूस किया है मैंने
आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे

और कुछ भी मुझे दरकार नही है लेकिन
और कुछ भी मुझे दरकार नही है लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Jagjit Singh, Shahid Meer
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind

Back to: Jagjit Singh



Jagjit Singh - Aye Khuda Ret Ke Sehra Ko Samandar Karde Video
(Here for Video at the top of page)

Tags:
No tags yet