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Jagjit Singh - Jawani Ke Heele Haya Ke Bahane Lyrics

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Jagjit Singh - Jawani Ke Heele Haya Ke Bahane Lyrics
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जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
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जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी

कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
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Writer: JAGJIT SINGH, PREM WARWARTANI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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