Back to Top

Kaun Kahta Hai Video (MV)




Performed By: Jagjit Singh
Featuring: Chitra Singh
Length: 5:42
Written by: JAGJIT SINGH, SAHIR HOSHIAPURI




Jagjit Singh - Kaun Kahta Hai Lyrics
Official




[ Featuring Chitra Singh ]

कौन कहता है
कौन कहता है
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है) (वाह, वाह, वाह)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को (वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को)

वो जो आये तो ख़लिश और जवाँ होती है ( वाह,वाह,वाह)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे
दिल को जो पुरनूर, पुरनूर, पुरनूर
रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे
हर नज़ारे में ये तनवीर कहाँ होती है ( वाह, वाह, वाह)

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें (ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें)

दिल में जो बात हो आँखों से अयाँ होती है ( वाह, वाह, वाह)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

मक्ता पेश कर रहा हूँ
ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है साहिर
सुलगती-सी चिता
सुलगती-सी चिता
सुलगती-सी चिता
ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है साहिर
शोला बनती है न ये बुझ के धुआँ होती है ( वाह, वाह, वाह)

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

वाह, वाह, वाह, वाह, वाह
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कौन कहता है
कौन कहता है
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है) (वाह, वाह, वाह)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को (वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को)

वो जो आये तो ख़लिश और जवाँ होती है ( वाह,वाह,वाह)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे
दिल को जो पुरनूर, पुरनूर, पुरनूर
रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे
हर नज़ारे में ये तनवीर कहाँ होती है ( वाह, वाह, वाह)

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें (ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें)

दिल में जो बात हो आँखों से अयाँ होती है ( वाह, वाह, वाह)
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

मक्ता पेश कर रहा हूँ
ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है साहिर
सुलगती-सी चिता
सुलगती-सी चिता
सुलगती-सी चिता
ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है साहिर
शोला बनती है न ये बुझ के धुआँ होती है ( वाह, वाह, वाह)

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है (ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है)
कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है (कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है)

वाह, वाह, वाह, वाह, वाह
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAGJIT SINGH, SAHIR HOSHIAPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Jagjit Singh

Tags:
No tags yet