Back to Top

Main Kaise Kahoon Janeman Video (MV)






Jagjit Singh - Main Kaise Kahoon Janeman Lyrics
Official




शफ़क़ हो, फूल हो, शबनम हो, माहताब हो तुम
नहीं जवाब तुम्हारा, के लाजवाब हो तुम

मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन

काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
तारे खिले हैं, दीये जले हैं, दिल में मेरे कैसे कैसे
काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
तारे खिले हैं, दीये जले हैं, दिल में मेरे कैसे कैसे
महकने लगी हैं वहीं से मेरी रातें
महकने लगी हैं वहीं से मेरी रातें
जहाँ से हुआ तेरा साथ, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन

पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
लेकिन यहाँ तो कदमों के नीचे फर्श बिछ गये गुल के
पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
लेकिन यहाँ तो कदमों के नीचे फर्श बिछ गये गुल के
के अब ज़िन्दगानी, है फसलें बहाराँ
के अब ज़िन्दगानी, है फसलें बहाराँ
जो हाथों में रहे तेरा हाथ, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, यही हैं मेरे दिन-रात
मैं कैसे कहूँ जानेमन
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




शफ़क़ हो, फूल हो, शबनम हो, माहताब हो तुम
नहीं जवाब तुम्हारा, के लाजवाब हो तुम

मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन

काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
तारे खिले हैं, दीये जले हैं, दिल में मेरे कैसे कैसे
काश तुझको पता हो, तेरे रूख-ए-रौशन से
तारे खिले हैं, दीये जले हैं, दिल में मेरे कैसे कैसे
महकने लगी हैं वहीं से मेरी रातें
महकने लगी हैं वहीं से मेरी रातें
जहाँ से हुआ तेरा साथ, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, मैं कैसे कहूँ जानेमन

पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
लेकिन यहाँ तो कदमों के नीचे फर्श बिछ गये गुल के
पास तेरे आया था मैं तो काँटों पे चलके
लेकिन यहाँ तो कदमों के नीचे फर्श बिछ गये गुल के
के अब ज़िन्दगानी, है फसलें बहाराँ
के अब ज़िन्दगानी, है फसलें बहाराँ
जो हाथों में रहे तेरा हाथ, मैं कैसे कहूँ जानेमन
मैं कैसे कहूँ जानेमन, तेरा दिल सुने मेरी बात
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
ये आँखों की सियाही, ये होंठों का उजाला
यही हैं मेरे दिन-रात, यही हैं मेरे दिन-रात
मैं कैसे कहूँ जानेमन
[ Correct these Lyrics ]
Writer: BASU CHAKRAVERTHY, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Jagjit Singh

Tags:
No tags yet