ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही
दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही
इस ज़माने की बेरुखी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
कल जवानी का हश्र क्या होगा
कल जवानी का हश्र क्या होगा
सोच ले आज दो घड़ी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
सोच ले आज दो घड़ी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ
हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िंदगी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
वक़्त के साथ साथ चलता रहे
वक़्त के साथ साथ चलता रहे
यही बेहतर है आदमी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए