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Jagjit Singh - Phoolon Ki Tarah Lyrics

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Jagjit Singh - Phoolon Ki Tarah Lyrics
Official




फूलों की तरह लब खोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

अलफ़ाज़ परखता रहता है
अलफ़ाज़ परखता रहता है
अलफ़ाज़ परखता रहता है
आवाज़ हमारी तोल कभी
आवाज़ हमारी तोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

खिड़की में कटी है सब रातें
खिड़की में कटी है सब रातें
खिड़की में कटी है सब रातें
कुछ चौरस और कुछ गोल कभी
कुछ चौरस और कुछ गोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह आ आ
ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह
ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह
हो जाता है डाँवांडोल कभी
हो जाता है डाँवांडोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
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फूलों की तरह लब खोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

अलफ़ाज़ परखता रहता है
अलफ़ाज़ परखता रहता है
अलफ़ाज़ परखता रहता है
आवाज़ हमारी तोल कभी
आवाज़ हमारी तोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

खिड़की में कटी है सब रातें
खिड़की में कटी है सब रातें
खिड़की में कटी है सब रातें
कुछ चौरस और कुछ गोल कभी
कुछ चौरस और कुछ गोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी

ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह आ आ
ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह
ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह
हो जाता है डाँवांडोल कभी
हो जाता है डाँवांडोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाँ मे बोल कभी
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Writer: GULZAR, JAGJIT SINGH
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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Jagjit Singh - Phoolon Ki Tarah Video
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Performed By: Jagjit Singh
Length: 4:56
Written by: GULZAR, JAGJIT SINGH

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