Back to Top

Jagjit Singh - Rishton Mein Daraar Lyrics

theme

Jagjit Singh - Rishton Mein Daraar Lyrics
Official




रिश्तों में दरार आयी

रिश्तों में दरार आयी

बेटे ना रहे बेटे, भाई ना रहे भाई
रिश्तों में दरार आयी

परखा है लहू अपना, भरता है ज़माने को
तूफ़ान में कोई भी, आया ना बचाने को
साहिल पे नज़र आए
साहिल पे नज़र आए, कितने ही तमाशाई
रिश्तों में दरार आयी

ढूँढे से नहीं मिलता, राहत का जहाँ कोई
टूटे हुए ख़्वाबों को, ले जाए कहाँ कोई
हर मोड़ पे होती है
हर मोड़ पे होती है, एहसास की रूसवाई
रिश्तों में दरार आयी

ज़ख़्मों से खिली कलीयाँ, अश्क़ों से खिली शबनम
पतझड़ के दरीचे से, आया है नया मौसम
रातों की स्याही से
रातों की स्याही से, ली सुबहो ने अंगड़ाई
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




रिश्तों में दरार आयी

रिश्तों में दरार आयी

बेटे ना रहे बेटे, भाई ना रहे भाई
रिश्तों में दरार आयी

परखा है लहू अपना, भरता है ज़माने को
तूफ़ान में कोई भी, आया ना बचाने को
साहिल पे नज़र आए
साहिल पे नज़र आए, कितने ही तमाशाई
रिश्तों में दरार आयी

ढूँढे से नहीं मिलता, राहत का जहाँ कोई
टूटे हुए ख़्वाबों को, ले जाए कहाँ कोई
हर मोड़ पे होती है
हर मोड़ पे होती है, एहसास की रूसवाई
रिश्तों में दरार आयी

ज़ख़्मों से खिली कलीयाँ, अश्क़ों से खिली शबनम
पतझड़ के दरीचे से, आया है नया मौसम
रातों की स्याही से
रातों की स्याही से, ली सुबहो ने अंगड़ाई
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Naqsh Lyallpuri
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
LyricFind

Back to: Jagjit Singh



Jagjit Singh - Rishton Mein Daraar Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Jagjit Singh
Length: 4:43
Written by: Naqsh Lyallpuri

Tags:
No tags yet