सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं उसको खुद़ा कहते हैं
जिसको देखा भी नहीं उसको खुद़ा कहते हैं
जिंदगी को भी सिला कहते हैं कहने वाले
जिंदगी को भी सिला कहते हैं कहने वाले
जीने वाले तो गुनाहों की सजा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं उसको खुद़ा कहते हैं
फासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है
फासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है
जाने क्यों लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं
जिसको देखा भी नहीं उसको खुद़ा कहते हैं
चंद मासूम से पत्तों का लहू है फाकिर
चंद मासूम से पत्तों का लहू है फाकिर
जिसको महबूब के हाथों की हिना कहते है
जिसको देखा ही नहीं उसको खुद़ा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं उसको खुद़ा कहते हैं