[ Featuring RK, The Bad United ]
तुझे सोचता हूँ मैं शामों सुबह
इस से ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या
तेरे ही ख़यालों में डूबा रहा
इस से ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या
उस सारे ग़म में जाना संग हूं तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूं तेरे
अब इतने इन्तेहां भी ना ले मेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे
तू मेरा ठिकाना, मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी मेरे पास आना
है बाहों में रहना कहीं अब ना जाना
हूं महफूज़ इनमे बुरा है ज़माना
बस सारे ग़म में जाना संग हूं तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूं तेरे
अब इतने इन्तेहां भी ना ले मेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे
आ आ आ आ संग हूं तेरे