ना नब्ज़ ना ही सांसें
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है जीना
कुछ नहीं कुछ नहीं
ना अश्क ना ही आहें
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है मरना
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना मैं क्यूँ
तेरे बिना मैं क्या
हर पहर दर ब दर
कुछ नहीं कुछ नहीं
ना अक्स ना ही साया
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है मेरा
कुछ नहीं कुछ नहीं
हो
ग़मज़दा सी वादियाँ
है दे रही सलामियाँ
तुझे याद करके
तुझे याद करके
है जुबां पे आ रही
तेरी सभी कहानियाँ
तुझे याद करके
तुझे याद करके
तेरे बिना मैं क्यूँ
तेरे बिना मैं क्या
हर पहर दर ब दर
कुछ नहीं कुछ नहीं
शामो सुबह ये सदियाँ
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना ये दुनिया
कुछ नहीं कुछ नहीं
हो