ओ ओ ओ ओ ओ
जनम जनम जनम साथ चलना यूँही
कसम तुम्हे कसम आके मिलना यहीं
एक जान है भले दो बदन हो जुदा
मेरी होके हमेशा ही रहना
कभी ना केहना अलविदा
मेरी सुबह हो तुम्ही और तुम्ही शाम हो
तुम दर्द हो तुम ही आराम हो
मेरी दुआओं से आती है बस ये सदा
मेरी होके हमेशा ही रेहना
कभी ना केहना अलविदा
तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ
कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ
किसी ज़बाँ में भी वो लफ्ज़ ही नहीं
कि जिनमें तुम हो क्या, तुम्हें बता सकूँ
मैं अगर कहूँ, तुम सा हसीं
कायनात में नहीं है कहीं
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं
शोख़ियों में डूबी ये अदाएँ चेहरे से झलकी हुई हैं
ज़ुल्फ़ की घनी-घनी घटाएँ शान से ढलकी हुई हैं
लहराता आँचल, है जैसे बादल
बाँहों में भरी है जैसे चाँदनी
तलब तलब तलब बस तेरी है मुझे
नसों में तू नशा बनके घुलना यूँही
मेरी मोहब्बत का करना तू हक़ ये अदा
मेरी होके हमेशा ही रेहाना
कभी ना केहना अलविदा
मैं अगर कहूँ, तुम सा हसीं(अलविदा)
कायनात में नहीं है कहीं
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं
ॐ शांति ॐ
कहते है ॐ शांति ॐ