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Jyoti Bhande - Sheesha Ho Ya Dil Ho Lyrics



Jyoti Bhande - Sheesha Ho Ya Dil Ho Lyrics
Official




हा हा हा आ आ आ

शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से
साग़र छूट जाता है
छूट जाता है
छूट जाता है
शीशा हो या दिल हो

काफी बस अरमान नहीं
कुछ मिलना आसान नहीं
दुनिया की मजबूरी है
फिर तक़दीर ज़रूरी है
ये दो दुश्मन हैं ऐसे
दोनों राज़ी हों कैसे
एक को मनाओ तो दूजा
रूठ जाता है
रूठ जाता है
टूट जाता है
शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से
साग़र छूट जाता है
छूट जाता है
छूट जाता है
शीशा हो या दिल हो
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हा हा हा आ आ आ

शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से
साग़र छूट जाता है
छूट जाता है
छूट जाता है
शीशा हो या दिल हो

काफी बस अरमान नहीं
कुछ मिलना आसान नहीं
दुनिया की मजबूरी है
फिर तक़दीर ज़रूरी है
ये दो दुश्मन हैं ऐसे
दोनों राज़ी हों कैसे
एक को मनाओ तो दूजा
रूठ जाता है
रूठ जाता है
टूट जाता है
शीशा हो या दिल हो
आख़िर टूट जाता है
टूट जाता है
टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से
साग़र छूट जाता है
छूट जाता है
छूट जाता है
शीशा हो या दिल हो
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Writer: ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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