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K Shhailendra - Qasam Se Qasam Se Lyrics



K Shhailendra - Qasam Se Qasam Se Lyrics
Official




[ Featuring ]

क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से

है फिर दोशी हवा होशी
तेरी गुफ्दारी हर ख़ामोशी
तुझमे ही रहता हु गुम
जीने का मतलब भी तुम
हर ख़ुशी तुझमे देखि है क्यों

हा तुझमे ही रहती हूँ गुम
जीने का मतलब भी तुम
हर ख़ुशी तुझमे देखि है क्यों

क्यों क्यों तुझसे महका है दिल
क्यों क्यों तुझ बिन बहका है दिल
क्यों क्यों हर पल कहता है दिल
तेरे बिना तो क़सम से क़सम से
दिल ये फनाह हो क़सम से क़सम से
बसी दुआ है क़सम से क़सम से
तेरे बिना तो क़सम से क़सम से
दिल ये फनाह हो क़सम से क़सम से
बसी दुआ है
क़सम से क़सम से

प रा रा प रा रा री प रा रा प रा प रा

है फिर दोशी हवा होशी
तेरी गुफ्दारी हर ख़ामोशी

क्यों क्यों तेरा ख्याल रहता है
जीकर तेरा क्यों बातों में मेरी

क्यों क्यों सवाल जैसी ज़िन्दगी को
जवाब मिले सब आँखों से तेरी

हो हो जीना नहीं है क़सम से क़सम से
मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से
दो घर नही है क़सम से क़सम से
हो हो जीना नहीं है क़सम से क़सम से

मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से(मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से)
दो घर नही है क़सम से क़सम से(दो घर नही है क़सम से क़सम से)

तू ही मकान है तू ही मकी
तू ही गुमा है तू ही यकी
तेरे बिना न कुछ भी नहीं
तू ही जमीं तू अपने परी
तू ही मकान है तू ही मकी
तू ही गुमा है तू ही यकी
तेरे बिना न कुछ भी नहीं
तू ही जमीं तू अपने परी
इन रेशमी चाहत के लम्हों को
आ तेरे बदन पे डाक दू

तुम रंग दो मेरी सब आरजू
मैं खुश्बू की तुझको कोई शाख दु
हो हो हर पल नया है क़सम से क़सम से
रही वफ़ा में क़सम से क़सम से
तू जो मिला है क़सम से क़सम से
हर पल नया है क़सम से क़सम से
रही वफ़ा में क़सम से क़सम से
तू जो मिला है क़सम से क़सम से

क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
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क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से

है फिर दोशी हवा होशी
तेरी गुफ्दारी हर ख़ामोशी
तुझमे ही रहता हु गुम
जीने का मतलब भी तुम
हर ख़ुशी तुझमे देखि है क्यों

हा तुझमे ही रहती हूँ गुम
जीने का मतलब भी तुम
हर ख़ुशी तुझमे देखि है क्यों

क्यों क्यों तुझसे महका है दिल
क्यों क्यों तुझ बिन बहका है दिल
क्यों क्यों हर पल कहता है दिल
तेरे बिना तो क़सम से क़सम से
दिल ये फनाह हो क़सम से क़सम से
बसी दुआ है क़सम से क़सम से
तेरे बिना तो क़सम से क़सम से
दिल ये फनाह हो क़सम से क़सम से
बसी दुआ है
क़सम से क़सम से

प रा रा प रा रा री प रा रा प रा प रा

है फिर दोशी हवा होशी
तेरी गुफ्दारी हर ख़ामोशी

क्यों क्यों तेरा ख्याल रहता है
जीकर तेरा क्यों बातों में मेरी

क्यों क्यों सवाल जैसी ज़िन्दगी को
जवाब मिले सब आँखों से तेरी

हो हो जीना नहीं है क़सम से क़सम से
मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से
दो घर नही है क़सम से क़सम से
हो हो जीना नहीं है क़सम से क़सम से

मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से(मैं भी कहा हो क़सम से क़सम से)
दो घर नही है क़सम से क़सम से(दो घर नही है क़सम से क़सम से)

तू ही मकान है तू ही मकी
तू ही गुमा है तू ही यकी
तेरे बिना न कुछ भी नहीं
तू ही जमीं तू अपने परी
तू ही मकान है तू ही मकी
तू ही गुमा है तू ही यकी
तेरे बिना न कुछ भी नहीं
तू ही जमीं तू अपने परी
इन रेशमी चाहत के लम्हों को
आ तेरे बदन पे डाक दू

तुम रंग दो मेरी सब आरजू
मैं खुश्बू की तुझको कोई शाख दु
हो हो हर पल नया है क़सम से क़सम से
रही वफ़ा में क़सम से क़सम से
तू जो मिला है क़सम से क़सम से
हर पल नया है क़सम से क़सम से
रही वफ़ा में क़सम से क़सम से
तू जो मिला है क़सम से क़सम से

क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
क़सम से क़सम से क़सम से
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SAYANTI, SHAILENDRA, PANCHHI JALONVI
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited




K Shhailendra - Qasam Se Qasam Se Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: K Shhailendra
Featuring:
Length: 4:49
Written by: SAYANTI, SHAILENDRA, PANCHHI JALONVI

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