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Kailash Kher - Kaari Kaari Lyrics



Kailash Kher - Kaari Kaari Lyrics
Official




तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है

कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
उजियारे कैसे अंगारे जैसे
छावन छली धूप मैली
क्यूँ है री
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

तितलियों के पंखों पर रख दिए गये पत्थेर
आए खुदा तू घूम है कहाँ रेशमी लिबासो के
चीरते है कुछ खंजर
ए खुदा तू घूम है कान
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़ियाँ सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

पंखड़ी की बेटी है
कंकरों पे लेती है
बारिशें हैं तेज़ाब की
ना ये उठ के चलती है
ना चीता में जलती है
लाश है ये किस ख्वाब की
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है
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तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है

कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई
उजियारे कैसे अंगारे जैसे
छावन छली धूप मैली
क्यूँ है री
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

तितलियों के पंखों पर रख दिए गये पत्थेर
आए खुदा तू घूम है कहाँ रेशमी लिबासो के
चीरते है कुछ खंजर
ए खुदा तू घूम है कान
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
क्या रीत चल पड़ी है
क्या आग जल पड़ी है
क्या चीज है सूरमाई धुआँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़ियाँ सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

पंखड़ी की बेटी है
कंकरों पे लेती है
बारिशें हैं तेज़ाब की
ना ये उठ के चलती है
ना चीता में जलती है
लाश है ये किस ख्वाब की
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
रातों में पल रही हैं
सड़कों पे चल रही हैं
क्यू बाल खोलें दहशतें यहाँ
कारी कारी रैना सारी सो अंधेरे क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
क्यूँ लाई
रोशनी के पावन् में यह बेड़िया सी क्यूँ आई
क्यूँ आई
क्यूँ आई

तू खुद की खोज मे निकल तू किस लिए तू हताश है
तू चल तेरी ज़िंदगी समय के लिए तलाश है
समय के लिए तलाश है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SHANTANU MOITRA, TANVEER GHAZI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Kailash Kher - Kaari Kaari Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kailash Kher
Length: 5:04
Written by: SHANTANU MOITRA, TANVEER GHAZI

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