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Kailash Kher - Taandav Lyrics



Kailash Kher - Taandav Lyrics
Official




[ Featuring Brijesh Shandilya ]

शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ ही के ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
मस्तकों में माया-माया
चट-चटकती खट खटकती
भट-भटकती नाचती
छातियों में त्राहि-त्राहि
धन-धनकती झन-झनकती
एक सुलगती त्रासदी
योजनाएँ यम बनाता
काल दौड़े तमतमाता
अंतरिक्ष सब समय के
डमरूओं को डमडमाता
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो

सूर्या के जो तूर्य थे
बज रहे धारा पे हैं
रुंड मुंड झुंड से ये दब रही धारा
मंथनो को चूसते नीले नीले होंठ हैं
सौ सौ ज्वार फूंकती हैं सर्प सी भुजा
शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ के ही ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो
[ Correct these Lyrics ]

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शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ ही के ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
मस्तकों में माया-माया
चट-चटकती खट खटकती
भट-भटकती नाचती
छातियों में त्राहि-त्राहि
धन-धनकती झन-झनकती
एक सुलगती त्रासदी
योजनाएँ यम बनाता
काल दौड़े तमतमाता
अंतरिक्ष सब समय के
डमरूओं को डमडमाता
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो

सूर्या के जो तूर्य थे
बज रहे धारा पे हैं
रुंड मुंड झुंड से ये दब रही धारा
मंथनो को चूसते नीले नीले होंठ हैं
सौ सौ ज्वार फूंकती हैं सर्प सी भुजा
शोर है अंधेर में
जो ढ़ेर मुर्दा पेड़ों का
सुलग गया, झुलस गया
लो ज्वाला ज्वाला आग है
काठ के ही ढ़ेर में
वो फेर जीव जन्म का
लो जल गया धुआँ हुआ
लो स्वाहा स्वाहा राख है
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध

डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
डमरुओं को डमडमाता
क्रोध नाचे क्रुद्ध क्रुद्ध
ओ हो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Puneet Sharma
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Kailash Kher - Taandav Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kailash Kher
Featuring: Brijesh Shandilya
Length: 3:11
Written by: Puneet Sharma

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