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Kavi Pradeep - Mukhda Dekh Le Prani Zara Lyrics



Kavi Pradeep - Mukhda Dekh Le Prani Zara Lyrics
Official




मुखड़ा देख ले देख ले

मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पूण्य है कितना
पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में

कभी तो पल भर सोच ले प्राणी
क्या है तेरी करम कहानी
कभी तो पल भर सोच ले प्राणी
क्या है तेरी करम कहानी
पता लगा ले
पता लगा ले पडे है कितने
दाग तेरे दामन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में

खुद को धोखा दे मत बन्दे
अच्छे न होते कपट के धंधे
खुद को धोखा दे मत बन्दे
अच्छे न होते कपट के धंधे
सदा न चलता
सदा न चलता किसी का नाटक
दुनिया के आँगन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पूण्य है कितना
पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
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मुखड़ा देख ले देख ले

मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पूण्य है कितना
पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में

कभी तो पल भर सोच ले प्राणी
क्या है तेरी करम कहानी
कभी तो पल भर सोच ले प्राणी
क्या है तेरी करम कहानी
पता लगा ले
पता लगा ले पडे है कितने
दाग तेरे दामन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में

खुद को धोखा दे मत बन्दे
अच्छे न होते कपट के धंधे
खुद को धोखा दे मत बन्दे
अच्छे न होते कपट के धंधे
सदा न चलता
सदा न चलता किसी का नाटक
दुनिया के आँगन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
ज़रा दरपन में हो
देख ले कितना पूण्य है कितना
पाप तेरे जीवन में
देख ले दरपन में
मुखड़ा देख ले प्राणी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: pradeep, Vasant Desai
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Kavi Pradeep - Mukhda Dekh Le Prani Zara Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kavi Pradeep
Length: 3:31
Written by: pradeep, Vasant Desai

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