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Badra Chhaye Video (MV)




Performed By: Kavita Krishnamurthy
Length: 4:25
Written by: Bappi Lahiri, Indeewar




Kavita Krishnamurthy - Badra Chhaye Lyrics
Official




बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
बिरहन के मन आग लगाई
बिरहन के मन आग लगाई
धरती की प्यास बुझाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

नाचे मोर पपिहा गाए
रूठे पिया की याद लाए
नाचे मोर पपिहा गाए
रूठे पिया की याद लाए
पास नही हरजाई प्रीतम
पास नही हरजाई प्रीतम
तन को च्छुए पुर्वाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

आया सावन आए ना साजन
छत पे खड़ी खड़ी भीगे बिरहन
आया सावन आए ना साजन
छत पे खड़ी खड़ी भीगे बिरहन
राहे तक तक थक गई अंखिया
राहे तक तक थक गई अंखिया
यूँहीं उमर बिताई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

बिजली के डर से लिपटी पिया से
पेहली याद ना जाए जिया से
बिजली के डर से लिपटी पिया से
पेहली याद ना जाए जिया से
तन्हा मन को और डराए
तन्हा मान को और डराए
यादों की शेहनई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

बिरहन के मन आग लगाई
बिरहन के मन आग लगाई
धरती की प्यास बुझाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
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बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
बिरहन के मन आग लगाई
बिरहन के मन आग लगाई
धरती की प्यास बुझाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

नाचे मोर पपिहा गाए
रूठे पिया की याद लाए
नाचे मोर पपिहा गाए
रूठे पिया की याद लाए
पास नही हरजाई प्रीतम
पास नही हरजाई प्रीतम
तन को च्छुए पुर्वाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

आया सावन आए ना साजन
छत पे खड़ी खड़ी भीगे बिरहन
आया सावन आए ना साजन
छत पे खड़ी खड़ी भीगे बिरहन
राहे तक तक थक गई अंखिया
राहे तक तक थक गई अंखिया
यूँहीं उमर बिताई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

बिजली के डर से लिपटी पिया से
पेहली याद ना जाए जिया से
बिजली के डर से लिपटी पिया से
पेहली याद ना जाए जिया से
तन्हा मन को और डराए
तन्हा मान को और डराए
यादों की शेहनई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई

बिरहन के मन आग लगाई
बिरहन के मन आग लगाई
धरती की प्यास बुझाई

बद्रा छाए नील गगन पे
सावन की ऋतु आई
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Writer: Bappi Lahiri, Indeewar
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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