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Kavita Krishnamurthy - Meri Zindagi Ka Mita Nishaa [Sad] Lyrics



Kavita Krishnamurthy - Meri Zindagi Ka Mita Nishaa [Sad] Lyrics
Official




मैं अपने देवता संग चली वो सवारी मेरी अर्थी बनी
मैं अपने देवता संग चली वो सवारी मेरी अर्थी बनी
वो जुल्म मुझसे हो गया के वजूद ही मेरा खो गया
मुझे अपने आपसे हैं गिला
मुझे अपने आपसे हैं गिला के खरीदी खुद ही तबाहियाँ
जो गले लगा ले मौत अब तो हो खत्म सारी दास्ताँ
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां

ऐ आसमां तू सजाओ की इन्तहा कर दे
या फिर जर्मी ही मेरी जिंदगी फना कर दे
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मैं अपने देवता संग चली वो सवारी मेरी अर्थी बनी
मैं अपने देवता संग चली वो सवारी मेरी अर्थी बनी
वो जुल्म मुझसे हो गया के वजूद ही मेरा खो गया
मुझे अपने आपसे हैं गिला
मुझे अपने आपसे हैं गिला के खरीदी खुद ही तबाहियाँ
जो गले लगा ले मौत अब तो हो खत्म सारी दास्ताँ
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां
मेरी जिन्दगी का मिटा निशां

ऐ आसमां तू सजाओ की इन्तहा कर दे
या फिर जर्मी ही मेरी जिंदगी फना कर दे
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Writer: KAVITA KRISHNAMURTY
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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