मर के जिए हम जिस के लिए
दिन रात आँसू हसके पिए
इल्ज़ाम उसने क्या क्या दिए
कहते भी क्या हम चुप रह गये
रिश्ते अगर है रिश्ते यही तो
फिर क्या किसी से रिश्ता निभाना
नज़रों से मेरी देखे कोई
दुनिया यह क्या थी क्या हो गई
बेगाने अपने क्यूँ हो गये
दिल तो वही है चेहरी नये
जीना है तो सीखो यहाँ
चहेरे पे यूँ चेहरा लगाना
मतलबी हैं लोग यहाँ पर
मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा
निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनो में मैं
बेगाना बेगाना