लल्लो की मां
हाँ
दरवाजा तोह खोल
पहले नाम तोह बोल
अरे मैं हूँ तेरा खसम
शिवचरणदास
क्यूँ आज फिर पी कर आये हो
तुम्हारा सत्यानाश
अरे मैंने पी नहीं फिर मजे के लिए
मुह को लगाई है
हाय मोरी मैया दुहाई है
दुहाई है
अरे दरवाजा तोह खोल
बड़ी सर्दी लग रही है
जब तक पिने की यह लत नहीं छोड़ोगे
यह दरवाजा नहीं खुलेगा
अरे चरणदास को पीने की
जो आदत न होती
तोह आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
चरणदास को पीने की
जो आदत न होती
जो आदत न होती
तोह आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
बोतल से प्यार किया
बुरा मेरे यार किया
घर भर में झगड़ा
दिन रात रगडा
बोतल के चस्के ने हाय
मुझे मार दिया
बोतल के यारोँ जो उल्फ़त न होती
जो उल्फ़त न होती
तोह आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी हाय हाय हाय हाय हाय
मुँह से लगे फिर जालिम न छूटे
शाम पड़े ही बदन सारा टूटे
नज़रों में खली हो पाकिट
नज़रों में घूमे
फिर बीवी का locket
मिट्टी के भाव जाके बेच आये मोती
मिट्टी के भाव जाके बेच आये मोती
बेच आये मोती
आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
गेवर से कपड़ा कपडे से बर्तन
बोतल के पानी में डूब गया धन
दिया न साल भर किराया मकान का
चढ़ गया सर पर क़र्ज़ा पठान का
देखो जी होते होते अपना ये हाल हुआ
बेटा अमीर का थान थान गोपाल हुआ
बिक गए शूट बूट रह गयी धोती
बिक गए शूट बूट रह गयी धोती
रह गयी धोती
आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
चरणदास को पीने की
जो आदत न होती
जो आदत न होती
तोह आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी हाय हाय हाय हायरे हायरे हाय
बोतल से प्यार किया
बुरा मेरे यार किया
घर भर में झगड़ा
दिन रात रगडा
बोतल के चस्के ने हाय
मुझे मार दिया
हाय
बोतल के यारोँ जो उल्फ़त न होती
जो उल्फट ना होती
तोह आज मियाँ बाहर
बीवी अंदर न सोती
ऐ जी ओ जो ओ जी जी रे जी जी जी
ऐ जी हाय हाय हाय हायरे हायरे हाय