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Fauji Gaya Jab Gaon Men [Pt. 1] Video (MV)






Kishore Kumar - Fauji Gaya Jab Gaon Men [Pt. 1] Lyrics
Official




हम्म फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
पहन के रंगरूट फूल बूट पाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
पहले लोगों ने रखा था मेरा नाम निखट्टु
होय दो दिन में जग ऐसे घुमा
जैसे घुमा लट्टू हो लट्टू
भरती हो के करनेला
करनैल सिंह बन बैठा
मेरा बापू साथ मेरे
जरनैल सिंह बन बैठा
आते देखा मुझको तो सब
करने लगे सलामी
आगे पीछे दौड़े चाचा
चाची मामा मामी हा

यारों ने सामान उठा कर
रखा अपने सर पे
दरवाजे पर बैठे थे सब
जब मैं पहुंचा घर पे
कस कर पुरे जोर से फिर मैंने
Salute जो मारा सबकी
छुट्टी हो गयी फिर मैंने बूट से बूट जो मारा
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में

घर के अंदर जा कर फिर जब
मैंने खोला बक्सा
हाय देख रहे थे सब यूँ जैसे
देखें जंग का नक्सा हो नक्सा
सबको था मालुम खुलेगी
शाम को rum की बोतल
सब आ बैठे घर मेरे
घर मेरा बन गया hotel
बिच में बैठा था मैं सब
बैठे थे आजू बाजू
इतने में बन्दुक चली भाई
गाँव में आये डाकू हा
उतर गयी थी सबकी छुप गए
सारे डर के मारे
मैं घर से बाहर निकला
सब मेरा नाम पुकारें
मार के लाठी ज़मीं पे झट से
डाकुओं को ललकारा
वो थे चार अकेला मैं
मैंने चारों को मारा
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
[ Correct these Lyrics ]

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हम्म फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
पहन के रंगरूट फूल बूट पाँव में
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
पहले लोगों ने रखा था मेरा नाम निखट्टु
होय दो दिन में जग ऐसे घुमा
जैसे घुमा लट्टू हो लट्टू
भरती हो के करनेला
करनैल सिंह बन बैठा
मेरा बापू साथ मेरे
जरनैल सिंह बन बैठा
आते देखा मुझको तो सब
करने लगे सलामी
आगे पीछे दौड़े चाचा
चाची मामा मामी हा

यारों ने सामान उठा कर
रखा अपने सर पे
दरवाजे पर बैठे थे सब
जब मैं पहुंचा घर पे
कस कर पुरे जोर से फिर मैंने
Salute जो मारा सबकी
छुट्टी हो गयी फिर मैंने बूट से बूट जो मारा
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में

घर के अंदर जा कर फिर जब
मैंने खोला बक्सा
हाय देख रहे थे सब यूँ जैसे
देखें जंग का नक्सा हो नक्सा
सबको था मालुम खुलेगी
शाम को rum की बोतल
सब आ बैठे घर मेरे
घर मेरा बन गया hotel
बिच में बैठा था मैं सब
बैठे थे आजू बाजू
इतने में बन्दुक चली भाई
गाँव में आये डाकू हा
उतर गयी थी सबकी छुप गए
सारे डर के मारे
मैं घर से बाहर निकला
सब मेरा नाम पुकारें
मार के लाठी ज़मीं पे झट से
डाकुओं को ललकारा
वो थे चार अकेला मैं
मैंने चारों को मारा
फौजी गया जब गाँव में
फौजी गया जब गाँव में
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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