गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
ओ गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका
कुछ लिखा
हाँ
हाए राम हाए राम हाए राम
सोचा है एक दिन मैं उससे मिल के
कह डालूँ अपने सब हाल दिल के
मैं तो उसका रे हुआ दीवाना
अब तो जैसा भी मेरा हो अंजाम
ओ गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम