हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना
हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना
सच हैं अगर तो एक मोहब्बत
जूठ हैं बाकि सारा फ़साना
हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना
पड़ गए जैसे इन आँखों पे
ज़ुल्म के नफ़रत के परदे
पड़ गए जैसे इन आँखों पे
ज़ुल्म के नफ़रत के परदे
ज़िन्दगी तेरा मुजरिम हूँ मैं
हो सके तो माफ़ कर दे
अन्धी राह के अंधे सफ़र में
बीत गया जीने का जमाना
हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना
अब ये मोहब्बत का अहसान हैं
ये जो थोड़ी जान हैं मुझमे
अब ये मोहब्बत का अहसान हैं
ये जो थोड़ी जान हैं मुझमे
आप ही मैं जिसका कातिल हूँ
ज़िंदा वो इंसान हैं मुझमे
अब दिल के अरमान हैं क्या क्या
ये तो अभी देखेगा जमाना
हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना
सच हैं अगर तो एक मोहब्बत
जूठ हैं बाकि सारा फ़साना
हम कितने नादान थे यारो
आज ये समझे आज ये जाना