[ Featuring ]
बाप का घर क्या
भाई का घर क्या
आज सांझ को सबको आजान
लड़की जिस घर में पलती है
उस घर होती है मेहमान
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
लड़की का जब बचपन जाए
मेका साथ ही जाए
उसके जीवन साथी का घर
उसका घर केह लाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
लड़की के जीवन में जिस दिन
यह शुब अवसर आये
साँस बाने वह माँ उसकी और
ससुर पिता केह लाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तू अपने घर जा
जा री बहना जा तुझको यह
नब जीबन रसाये
तेरे आँगना नचणी नाचे
दुर्गा दीप जलाये
जा री बहना जा तू अपने घर जा (जा री बहना जा तू आपने घर जा)
जा री बहना जा तू अपने घर जा (जा री बहना जा तू आपने घर जा)