[ Featuring Lata Mangeshkar ]
जैसा देस वैसा भेस
फिर क्या डरना
ओहा हाय
अरे जैसा देस वैसा भेस
फिर क्या डरना
अरे छोड़ो रानी छोड़ो
यूँ ही आहे भरना
अरे काहे की शरम है
कूडीए जल्दी करना
में नही करना
यूँ नही बनना
में नही करना
यूँ नही बनना
आ आ आ आ आ आ आ आ
कैसी ये नगरिया कैसे
है ये लोग कैसे है ये लोग
हाय सबको लागा प्रभु
बेशरमी का रोग
अब तू ही बता भगवान
में भी क्या करूँ
में भी क्या करूँ
में तो कुछ भी करने से
ना जाने क्यूँ डरूँ
घूँघटा खोलूं ना खोलूं ना खोलूं खोलूं रे
अरे छोड़ो दे नखरा अबा तो गोरिये
अरे आया है मौका ले
अब तू बना सांवरना
अरे काहे की शरम है
कूडीए जल्दी करना
में नही करना यूँ नही बनाना
में नही करना यूँ नही बनाना
मन को ढकले गोरी तन
का ढकना है बेकार
ढकना है बेकार
फूल ना महके जब तक
उस का खिलाना है बेकार
अरे अक्सारा ऐसा होता
है पहली पहली बार
पहली पहली बार
आ मुझसे तू ले ले
हिम्मत थोड़ी सी उधार
झूठ बोलूं ना बोलूं ना बोलूं बोलूं रे
अरे गिरा ना जौन में
तो कमसिन रे आऊच
अरे हाथो मे मेरे
तू अपना हाथ धरना
अरे काहे की शरमा वे
मुंडया जल्दी करना
अरे वाह भाई वाह हुई गल ना
जैसा देस वैसा भेस
फिर क्या डरना
जैसा देस वैसा भेस (जैसा देस वैसा भेस)
फिर क्या डरना (फिर क्या डरना)
अरे काहे की शरम
वे मुंडया जल्दी करना