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Kishore Kumar - Kaunse Dariya Kaunse Nadiya Lyrics



Kishore Kumar - Kaunse Dariya Kaunse Nadiya Lyrics
Official




आ हा ओ हो यह हे
कौन से दरिया कौन सी
नदिया की तू रहने वाली
कौन से दरिया कौन सी
नादिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
फस गयी कौन यह साली
कौन से दरिया कौन सी
नदिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
फस गयी कौन यह साली

बचके बचके बचके
दरिया में न आग लगा दे
ले कर यह अंगडाई

दरिया में न आग लगा दे
ले कर यह अंगडाई
परियों के देस से कोई परी भाग आयी
परी भाग आयी
होठो अन्दर दबी हुई है प्यार भरी एक गाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
अरे फस गयी कौन यह साली

धरती पे आ गिरा गगन से कोई चाँद का टुकड़ा
हाय रे क्या बात रे
धरती पे आ गिरा गगन से कोई चाँद का टुकड़ा
अपने शहर में तोह नहीं ऐसा मुखड़ा
नहीं ऐसा मुखड़ा
मुखड़े पे थोड़ा गुस्सा थोड़ी सी शर्म की लाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
अरे फस गयी कौन यह साली

भीगे बदन से चोली चुनरी लिपटी लिपटी जाए
अरे यह मर गया मर गया रे
भीगे बदन से चोली चुनरी लिपटी लिपटी जाए
लाज के मारे गोरी सिमटी सिमटी जाए
सिमटी सिमटी जाए रंग गुलाबी अंग शराबी
चाल बड़ी मतवाली देख मछेरे जाल में
मेरे फस गयी कौन यह साली
आह फस गयी कौन यह साली
हे कौन से दरिया कौन सी नदिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
आह फस गयी कौन यह साली
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आ हा ओ हो यह हे
कौन से दरिया कौन सी
नदिया की तू रहने वाली
कौन से दरिया कौन सी
नादिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
फस गयी कौन यह साली
कौन से दरिया कौन सी
नदिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
फस गयी कौन यह साली

बचके बचके बचके
दरिया में न आग लगा दे
ले कर यह अंगडाई

दरिया में न आग लगा दे
ले कर यह अंगडाई
परियों के देस से कोई परी भाग आयी
परी भाग आयी
होठो अन्दर दबी हुई है प्यार भरी एक गाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
अरे फस गयी कौन यह साली

धरती पे आ गिरा गगन से कोई चाँद का टुकड़ा
हाय रे क्या बात रे
धरती पे आ गिरा गगन से कोई चाँद का टुकड़ा
अपने शहर में तोह नहीं ऐसा मुखड़ा
नहीं ऐसा मुखड़ा
मुखड़े पे थोड़ा गुस्सा थोड़ी सी शर्म की लाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
अरे फस गयी कौन यह साली

भीगे बदन से चोली चुनरी लिपटी लिपटी जाए
अरे यह मर गया मर गया रे
भीगे बदन से चोली चुनरी लिपटी लिपटी जाए
लाज के मारे गोरी सिमटी सिमटी जाए
सिमटी सिमटी जाए रंग गुलाबी अंग शराबी
चाल बड़ी मतवाली देख मछेरे जाल में
मेरे फस गयी कौन यह साली
आह फस गयी कौन यह साली
हे कौन से दरिया कौन सी नदिया की तू रहने वाली
देख मछेरे जाल में मेरे फस गयी कौन यह साली
आह फस गयी कौन यह साली
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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