Back to Top

Kishore Kumar - Matlab Jo Samjhe Lyrics



Kishore Kumar - Matlab Jo Samjhe Lyrics
Official




हाँ बड़ा ही खूबसूरत
इस जगह का हर नज़ारा है
है मगर फिर भी किसी का
नाम लेकर दिल पुकारा है
मतलब जो समझे मेरे सन्देश का
मतलब जो समझे
मतलब जो समझे मेरे सन्देश का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का

ये चहरे ये आँखे
ये चहरे ये आँखे
बदले लिबास रंग रूप तो वही है
यादो की वह छाओ धुप तो वही है
बदले लिबास रंग रूप तो वही है
यादो की वह छाओ धुप तो वही है
क्या फ़ायदा
क्या फ़ायदा फिर इस भेष का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का

वो माटि वो पानी
वो माटि वो पानी
आ मिल के फूलों की बाते करेंगे
सावन के झूलों की बाते करेंगे
आ मिल के फूलों की बाते करेंगे
सावन के झूलों की बाते करेंगे
मिल के सहे
मिल के सहे ये गम परदेश का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




हाँ बड़ा ही खूबसूरत
इस जगह का हर नज़ारा है
है मगर फिर भी किसी का
नाम लेकर दिल पुकारा है
मतलब जो समझे मेरे सन्देश का
मतलब जो समझे
मतलब जो समझे मेरे सन्देश का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का

ये चहरे ये आँखे
ये चहरे ये आँखे
बदले लिबास रंग रूप तो वही है
यादो की वह छाओ धुप तो वही है
बदले लिबास रंग रूप तो वही है
यादो की वह छाओ धुप तो वही है
क्या फ़ायदा
क्या फ़ायदा फिर इस भेष का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का

वो माटि वो पानी
वो माटि वो पानी
आ मिल के फूलों की बाते करेंगे
सावन के झूलों की बाते करेंगे
आ मिल के फूलों की बाते करेंगे
सावन के झूलों की बाते करेंगे
मिल के सहे
मिल के सहे ये गम परदेश का
इस देश में है कोई क्या मेरे देश का
मतलब समझे जो मेरे सन्देश का
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, S. D. BURMAN
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




Kishore Kumar - Matlab Jo Samjhe Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kishore Kumar
Length: 4:25
Written by: ANAND BAKSHI, S. D. BURMAN

Tags:
No tags yet